विजय कुमार, रक्सौल-नेपाल में भेजे जाने वाले भारतीय कपड़ा से देश का उद्योग-व्यापार मजबूत होता है।विदेशी राजस्व भी भारत आता है।पर,व्यापारियों का आरोप है क़ि एसएसबी इन कपड़ो को अवैध रास्तो से नेपाल में तस्करी के नाम पर भारतीय क्षेत्र में ही पकड़ लेती है।व्यापारियों के मुताबिक, बिहार से नेपाल में कपड़ा व्यापार पर कोई प्रतिबंध भी नही है।इधर,एस एस बी का आरोप है कि इस खेल में अन्य सुरक्षा एजेंसियां एस एस बी का सहयोग नही कर रही है।47 वी बटालियन के कमाण्डेन्ट सोनम छेरिंग ने कस्टम विभाग पर गंभीर आरोप लगाए है कि हम अवैध रास्तो से तस्करी को जाने-आने वाले सामानों की धड़ पकड़ कर रहे है ।जिसे इन्हें कस्टम या पुलिस को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए सौपना होता है पर ये सहयोग नही कर रहे है ।उधर,कस्टम की नाराजगी भी झलकती है ।इस सब के बीच कपड़ा मंडी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।पिछले चार दिनों पूर्व एसएसबी ने ट्रक पर लदे कपड़ा की खेप के साथ दो लोगों को दबोचा ।इसके चार दिन बाद मामला सार्वजनिक किया।सूत्रों ने बताया क़ि बरामद कपड़ा मोतिहारी कस्टम को सौप दिया गया।बता दे क़ि शुक्रवार को एसएसबी ने जब यह मामला सार्वजनिक किया तो चर्चा परिचर्चा तेज हो गई ।एसएसबी कमाण्डेन्ट सोनम छेरिंग के मुताबिक,पनटोका बीओपी के जवानों ने लक्ष्मीपुर बायपास रोड रक्सौल से यूपी32cl 8687 नंबर की ट्रक पर विभिन्न प्रकार का कपड़ा लदा हुआ था ।उसे दो लोगों के साथ जप्त किया है ।उसे मोतिहारी कस्टम को सौप दिया गया।कमाण्डेन्ट ने बताया कि सुफियान एवं फरीद जो अमेठी यूपी के रहने वाले है ।उन्हें हिरासत में लिया गया है। साथ ही ट्रक सहित कपड़ा का अनुमानित मूल्य एक करोड़ चौदह लाख अस्सी हजार नौ सौ तीस रुपया आंका गया है।उधर,इस तरह कपड़ा बरामदगी से कपड़ा मंडी में दहशत तो है हीं, व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।टेक्सटाइल चेम्बर ऑफ कॉमर्स इस पर आंदोलन के मूड में है।क्योंकि,इससे पहले भी जब एसएसबी कपड़ा बरामदगी शुरू की थी।तो,मामला तूल पकड़ गया था।एसएसबी को अभियान बन्द करना पड़ा था।सूत्रों का मानना है क़ि भारतीय कपड़ा के नेपाल जाने से फायदा है।बताते है क़ि नेपाली व्यापारी,उनके कर्मी जब नेपाल कपड़ा ले जाते है ,तो,उन्हें कस्टम में केवल इंट्री की जरूरत होती है।नेपाल कस्टम को राजस्व देना पड़ता है।परन्तु,उल्टे एसएसबी बॉर्डर पर भारतीय व्यापारियों का कपड़ा तस्करी के नाम पर पकड़ लेती है।इस बार जो ट्रक समेत कपड़ा पकड़ा गया।वह, बॉर्डर से तीन किलोमीटर अंदर पकड़ा गया।इससे पहले भी नगर परिषद दफ्तर के पास भी लाखों की कपड़ा खेप पकड़ ली गई थी।इस रवैये से एसएसबी पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
