पटना. वीआइपी नेता मुकेश साहनी की नाव और पतवार की परीक्षा मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां विधानसभा क्षेत्र में होनेवाली है. उत्तरप्रदेश में चुनावी हार के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि मुकेश सहनी को बोचहां में फिर से सत्ता संग्राम की तैयारी करनी है. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एनडीए गठबंधन द्वारा उनको यह सीट फिर से देता है या नहीं. बिहार में भाजपा कोटे से मंत्री बने मुकेश साहनी के अब भाजपा से वैसे संबंध नहीं रह गये हैं. उन्होंने उत्तरप्रदेश चुनाव में भाजपा की मर्जी के खिलाफ चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतारे थे. भाजपा इच्छा को दरकिनार कर वह लगातार ऐसे बयान देते रहे हैं जिससे सहयोगी दलों को नागवार गुजरता रहा है. भाजपा कोटे से विधानपरिषद के लिए निर्वाचित साहनी को खुद दोबारा निर्वाचित होने के लिए जद्दोजहद करनी है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में बोचहा विधानसभा की सीट एनडीए कोटे से मुकेश साहनी की पार्टी वीआइपी को दी गयी थी. वहां से उनके प्रत्याशी मुसाफिर पासवान निर्वाचित हुए थे. उनका निधन फरवरी में हो जाने से यह सीट रिक्त हो गयी है. अब इस सीट पर निर्वाचन आयोग ने चुनावों की घोषणा की है.
एनडीए के तहत बोचहा विधानसभा की सीट वीआइपी को मिली थी. एनडीए ने विधानपरिषद चुनाव 2022 की 24 सीटों में एक भी सीट न मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी को दी गयी और नहीं जीतन राम मांझी की पार्टी हम को दी गयी. अब जबकि बोचहा विधानसभा उप चुनाव होनेवाला है तो यह यक्षप्रश्न बन गया है कि इस बार क्या एनडीए वह सीट मुकेश साहनी की वीआइपी को दे सकती है या नहीं.