BIHAR. बिहार के उत्तर पश्चिमी भागों में हो रही लगातार बारिश के कारण पश्चिम चंपारण सहित कई जिलों में बाढ़ की भयानक स्थिति उत्पन्न हो गई है। बाढ़ से आमजन जनजीवन इतना त्रस्त हो गया है कि लोग अपना घर बार और मवेशियों के साथ बाढ़ के बीच फंसे हुए हैं । प्रशासन द्वारा कुछ परिवारों को बाढ़ क्षेत्र से निकलकर राहत शिवरों में पहुंचाया गया है । अब राज्य में बाढ़ की भयावह स्तिथि  का जायजा लेने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को खुद इन इलाकों का हवाई सर्वे किया और स्थानीय अधिकारियों से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री ने पश्चिम चंपारण,पूर्वी चंपारण एवं गोपालगंज जिलों में नदियों के बढ़ते जलस्तर का हवाई सर्वेक्षण किया।

नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में बारिश के बाद रविवार को कोसी नदी में उफान आ गया । इससे सुपौल मधेपुरा सहरसा जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई हो गई है।

इधर पूर्वी और पश्चिम चंपारण में गंडक नदी तूफान पर है। तो सीतामढ़ी में बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। पश्चिम चंपारण के बाल्मीकि नगर बैराज से 4.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया है । इसके बाद गंडक का पानी पूरे दियारा क्षेत्र के गांव में घुस गया है। बैरिया की बैजुआ पंचायत सहित अन्य गांव के लोग पलायन करने लगे हैं। इसके अलावा सिकटा नदी में तूफान से त्रिवेणी नहर का तटबंध 9 किलोमीटर में तीन जगह पर टूट गया है । टठबंध टूटने से सिकटा के आसपास बाढ़ का पानी फैल रहा है । इन क्षेत्रों में स्थिति बहुत ही भयावह हो गई है जिसे देखने के लिए आज मुख्यमंत्री पश्चिम चंपारण पहुंचे हैं।

पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण गंडक के  दियारा क्षेत्र के 100 से अधिक लोगों को एस डी आर एफ की मदद से बचा लिया गया है। कुछ लोग दियारा में ही सुरक्षित जगहों पर रुके हुए हैं। इस दौरान पानी में फंसे बच्चे बुजुर्ग और महिलाओं ने करीब 24 घंटे तक दियारा में खेती की देखभाल करने वाले अपने अस्थाई घर के छप्पर में ही समय गुजरा ।

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