केंद्र सरकार ने बिहार को दो एम्स की सौगात दी है. बिहार के दूसरे एम्स जिसका निर्माण दरभंगा में होनेवाला है. उसके लिए सोमवार को बिहार सरकार ने 150 एकड़ जमीन का दस्तावेज सौंप दिया है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत,सचिव संजय कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में जमीन का दस्तावेज एम्स के कार्यपालक निदेशक सह सीइओ माधवानंद कार को सौंपा गया.
प्रधानमंत्री ने दूसरे एम्स की स्वीकृति 2019 के कैबिनेट में दी
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार में दूसरे एम्स की स्वीकृति प्रधानमंत्री ने 2019 के कैबिनट में दी थी. उस समय राज्य सरकार द्वारा बताया गया था कि राज्य सरकार इसके निर्माण के लिए कुल 180 एकड़ जमीन उपलब्ध करायेगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल एम्स दरभंगा को 150.13 एकड़ जमीन दी जा रही है. इसके अलावा एम्स,दरभंगा को 37.31 एकड़ और जमीन उपलब्ध करायी जायेगी. एम्स के पास इस प्रकार से कुल 187.44 एकड़ जमीन होगी जिस पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रशासनिक भवन, अस्पताल भवन, ओपीडी, छात्रावास सहित अन्य निर्माण कराये जायेंगे.
जमीन का होगा समतलीकरण
बिहार सरकार ने दरभंगा जिला के शोभन बाइपास में बिहार के दूसरे एम्स के निर्माण का नया प्रस्ताव दिसंबर 2023 के पहले सप्ताह में केंद्र सरकार को सौंप दिया था. नये प्रस्ताव में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सभी आवश्यक शर्तों को स्वीकार कर लिया है. इसमें दरभंगा एम्स को फोरलेन की कनेक्टिविटी से जोड़ा जाना है. साथ ही यहां पर जमीन का समतलीकरण कर बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल की जानी है. राज्य सरकार ने दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर पहले से ही जमीन के अधिग्रहण करने की कार्रवाई की जा चुकी है.
189 एकड़ जमीन की गयी चिह्नित
एम्स निर्माण के लिए फिलहाल 189 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. इस जमीन की भराई, समतलीकरण और चहारदीवारी के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने 309 करोड़ की स्वीकृति अप्रैल 2023 में ही कर दी थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2023 में अपने समाधान यात्रा के दौरान चिह्नित की गयी भूमि का स्थल निरीक्षण किया था. मार्च 2023 में कैबिनेट से इस भूखंड को एम्स निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी. शोभन में स्वीकृत की गयी जमीन आमस-दरभंगा फोरलेन से पांच किलोमीटर दूर है. ऐसे में यहां मरीज बिना किसी जाम में फंसे आसानी से पहुंच सकते हैं. राज्य सरकार ने इस जमीन की भराई और चाहरदीवारी निर्माण की जिम्मेवारी बिहार स्वास्थ्य एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड को सौंपी है.