बांगलादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद वहां रहनेवाले 500 बिहारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. बांगलादेश में उपद्रव और अशांति के माहौल में ये बिहारी वहां पर फंस गये थे. बिहारी सहित देश के सभी नागरिकों को निकालने के लिए भारतीय उच्चायोग वहां पर सक्रिय हो गया है.

सत्तापलट के बीच बांग्लादेश में ढ़ाका सहित विभिन्न शहरों में पढ़ायी और कारोबार करनेवाले बिहार के लोग घिर गये थे. अब वहां पर फंसे बिहारी मूल के लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. बांग्लादेश के विभिन्न शहरों में बिहारी मूल के 500 से अधिक लोग रह रहे थे. पढ़ाई करने के अलावा व्यवसाय से जुड़े बिहारी मूल के सभी लोगों को सुरक्षित देश वापस ले आया गया है.
बांगलादेश में उच्चायुक्त हैं बिहारी मूल के  
अब बांग्लादेश में केवल उच्चायोग में कार्यरत लगभग 300 अधिकारी व कर्मचारी ही रह गये हैं. बांग्लादेश में अचानक से उत्पन्न स्थिति के बाद बिहारी मूल के अधिकारियों ने वहां मोर्चा संभाल लिया. बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा मूल रूप से बिहार के ही हैं. उनके साथ बिहारी मूल के कई अधिकारी भी उच्चायोग में काम कर रहे हैं. बिहार सहित सभी भारतीयों को बांग्लादेश से सुरक्षित वतन वापसी में प्रणय वर्मा का अहम योगदान है. भारत सरकार के निर्देश पर सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी हो चुकी है. अब केवल उच्चायोग में कार्यरत अधिकारी व कर्मी ही वहां बच गये हैं. केंद्र सरकार की ओर से आदेश मिलने के बाद ही उच्चायोग के अधिकारी व कर्मी वतन वापसी करेंगे. इन्हें केंद्र सरकार के अगले आदेश का इंतजार है.
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