“मिशन निर्भया”: रहा सफल

इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा की सूझबूझ भरी कार्यवाही से 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को मानव तस्करी के गिरोह से मुंबई से रेस्क्यू किया गया।

मानवता को शर्मसार करने वाले एक गहरे षड्यंत्र को उजागर करते हुए, साहस और बुद्धिमत्ता से एक 17 वर्षीय नाबालिग छात्रा “निर्भया कुमारी” (परिवर्तित नाम) को एक योजनाबद्ध मानव तस्करी के जाल से दिनांक 18.07.2025 दिन शुक्रवार सुबह लगभग 0300 बजे सकुशल बचा लिया।

21 जून को गायब हुई थी लड़की

घटना की शुरुआत 21 जून 2025 को होती है, जब लड़की उस दिन गायब हो जाती है जब बिहार के औरंगाबाद निवासी एक परेशान पिता ने उपकमांडेट  सतीश गुप्ता को अपनी पुत्री के बारे में जानकारी दी ।  उन्होंने मानव तस्करी के स्पेशलिस्ट और इस क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा से संपर्क कर बताया कि एक इंटरमीडिएट ऑफ साइंस (2024) की छात्रा, रहस्यमयी ढंग से लापता हो गई है। लड़की के मोबाइल की छानबीन करने पर एक संदिग्ध मोबाइल नंबर 93564***** मिला, इसलिए किसी भी तरह इस पीड़ित लड़की को मानव तस्करों से बचाना है.

इंस्पेक्टर ने कॉल डिटेल की जांच की

इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा ने इस नंबर की कॉल डिटेल्स और लोकेशन की सूक्ष्म जांच की। जांच में सामने आया कि यह नंबर एक संदिग्ध व्यक्ति मोहम्मद काजल मेहबूब मुल्ला (निवासी – भड़गांव, महाराष्ट्र) के नाम पर दर्ज है। आगे की जाँच में मोहम्मद आर. अरमान शेख (निवासी – नाशिक, महाराष्ट्र) का नाम भी सामने आया, जो सोशल मीडिया के ज़रिए भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फँसाने में माहिर है।

शुरू हुआ संयुक्त ऑपरेशन

इस गंभीर संकेत के आधार पर एक संयुक्त ऑपरेशन “मिशन निर्भया” की योजना बनाई गई, जिसमें राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (नई दिल्ली) के सदस्य  प्रियंक कानूनगो, मिशन मुक्ति फाउंडेशन के निदेशक  वीरेंद्र कुमार सिंह, पुलिस निरीक्षक वैशाली गोरदे देओघ्रे (एसएस ब्रांच, ठाणे कमिशनरेट, मुंबई), त्रिवेणी आचार्य (रेस्क्यू फाउंडेशन) और क्राइम ब्रांच मुंबई की टीमें शामिल रहीं।

नवी मुंबई का मिला सटीक लोकेशन

लगातार निगरानी और साइबर विश्लेषण के बाद, रेस्क्यू टीम को लड़की की सटीक लोकेशन नवी मुंबई के एक ठिकाने में मिली। त्वरित कार्रवाई करते हुए, 18 जुलाई की सुबह लगभग 0300 बजे, लड़की को सफलतापूर्वक मानव तस्करों के चंगुल से आज़ाद करवाया गया।

महिला संरक्षण गृह मुंबई में रखा गया

बचाव के बाद पीड़िता को महिला संरक्षण गृह मुंबई में सुरक्षित रखा गया है। बिहार पुलिस, विशेषकर नगर थाना, औरंगाबाद, तत्काल परिजनों के साथ नवी मुंबई रवाना हो चुकी है।
इस पूरे प्रकरण में यह स्पष्ट हुआ है कि सोशल मीडिया के ज़रिए लड़कियों को पहले मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता है, फिर बहला-फुसलाकर उन्हें महानगरों में बुलाया जाता है, जहाँ वे मानव तस्करी या अन्य अनैतिक कार्यों की शिकार बना दी जाती हैं।

नेटवर्क का गहराई से हो रहा है छानबीन

प्रियंक कानूनगो, इंस्पेक्टर मनोज कुमार शर्मा और श्री वीरेंद्र कुमार जैसे समर्पित अधिकारियों द्वारा इस गिरोह की गहराई से जाँच की जा रही है, ताकि इसके पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके और मासूम बेटियों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस पूरे ऑपरेशन में जिनका सहयोग रहा, प्रियंक कानूनगो सदस्य राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (नई दिल्ली),
इंस्पेक्टर  मनोज कुमार शर्मा आसूचना शाखा, क्षेत्रक मुख्यालय, बेजपारा मंगलदोई (असम), डायरेक्टर  विरेन्द्र कुमार सिंह मिशन मुक्ति फाउंडेशन नई दिल्ली,पुलिस निरिक्षक श्रीमती वैशाली गोरदे देओघ्रे एसएस ब्रांच थाणे कमिशनरेट मुंबई, श्रीमती त्रिवेणी आचार्य रेस्क्यू फाउन्डेशन, क्राइम ब्रांच मुंबई (महाराष्ट्र), हिललाइन पुलिस स्टेशन अंतर्गत नेवाली नाका पुलिस चौकी शामिल रहे।

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