बिहार विधानसभा सत्र से नदारद रहे तेजप्रताप यादव, अंदरूनी कलह की छाया
पटना, डेस्क
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई, लेकिन राज्य की राजनीति में चर्चा का केंद्र बने हसनपुर से राजद विधायक तेजप्रताप यादव पहले दिन सदन से अनुपस्थित रहे। सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव अपनी निर्धारित सीट पर समय से मौजूद रहे, लेकिन उनकी बगल की सीट — जो तेजप्रताप यादव के लिए निर्धारित है — खाली रही, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं।
क्यों चर्चा में हैं तेजप्रताप यादव?
हाल के दिनों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के कथित तौर पर तेजप्रताप को घर और पार्टी से बाहर करने की खबरें सुर्खियों में रहीं। इसके बाद से पार्टी और राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ खड़ा हुआ कि तेजप्रताप अब किस भूमिका में नजर आएंगे। ऐसे में विधानसभा सत्र के पहले ही दिन उनकी गैरमौजूदगी ने इन अटकलों को और बल दे दिया है।
तेजस्वी रहे डटे, तेजप्रताप नदारद
जहाँ एक ओर तेजस्वी यादव पूरे सत्र के दौरान अपनी सीट पर मौजूद रहकर विपक्ष का नेतृत्व करते दिखे, वहीं तेजप्रताप न तो सदन के भीतर, और न ही विधानमंडल परिसर में नजर आए। सूत्रों के अनुसार, पार्टी के अंदर जारी खींचतान का असर विधानसभा उपस्थिति पर भी दिखाई दे रहा है।
अभी सत्र के चार दिन और बाकी
मानसून सत्र का यह पहला दिन था और अभी चार दिन की कार्यवाही शेष है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेजप्रताप यादव आने वाले दिनों में सदन में शामिल होते हैं या नहीं, और यदि होते हैं तो उन्हें कौन-सी सीट आवंटित की जाती है। क्या वह तेजस्वी के बगल में बैठेंगे? या यह सीट बदल दी जाएगी — यह देखना बाकी है।
राजद में बदलते समीकरण
राजद के भीतर तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच दूरियाँ पहले भी सुर्खियाँ बन चुकी हैं। हालिया घटनाओं ने इन अटकलों को और मजबूती दी है कि क्या अब तेजप्रताप की भूमिका सीमित कर दी गई है? पार्टी ने इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
निष्कर्ष: सत्र में तेजप्रताप की मौजूदगी का होगा राजनीतिक विश्लेषण
तेजप्रताप यादव की विधानसभा उपस्थिति इस बार सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि राजनीतिक संकेत के तौर पर देखी जा रही है। आने वाले दिनों में उनकी भूमिका, बॉडी लैंग्वेज और पार्टी के साथ रिश्तों पर पैनी निगाह बनी रहेगी।

