अब मिलेगी 3,000 रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि, ममता को प्रति डिलीवरी 600 रुपये : सीएम नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा में अहम भूमिका निभा रही आशा और ममता कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब राज्य की 90,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को प्रति माह 3,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जो पहले 1,000 रुपये थी। वहीं, 4,600 ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 600 रुपये की राशि मिलेगी, जो अब तक 300 रुपये थी। यह नई दरें 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होंगी।
स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ी सौगात
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए इस ऐतिहासिक निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में आशा और ममता कार्यकर्ताओं के योगदान को सम्मान देते हुए मानदेय राशि में वृद्धि की गई है। इससे न सिर्फ उनका मनोबल बढ़ेगा बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं और अधिक मजबूत होंगी।”
जल्द होगी 29,000 नई आशा कार्यकर्ताओं की भर्ती
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि आने वाले दो महीनों में 29,000 नई आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाएगी, जिससे इनकी कुल संख्या बढ़कर 1.2 लाख हो जाएगी। वर्तमान में बिहार में 91,094 आशा कार्यकर्ता, 4,364 आशा फैसिलिटेटर और 4,600 ममता कार्यकर्ता कार्यरत हैं।
प्रोत्साहन राशि के साथ मिलेंगे अतिरिक्त लाभ
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन खरीदने के लिए 13,180 रुपये, मोबाइल रिचार्ज के लिए 200 रुपये प्रति माह और साल में दो साड़ियों के लिए 2,500 रुपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।
स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार
राज्य में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलने से मातृ मृत्यु दर 2005 में प्रति लाख 365 से घटकर 91 पर आ गई है। वहीं, शिशु मृत्यु दर भी अब 27 प्रति हजार पर है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है। बच्चों के टीकाकरण का कवरेज भी अब 95% तक पहुंच गया है।
यह फैसला क्यों है महत्वपूर्ण?
ग्रामीण महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने में आशा और ममता कार्यकर्ता अहम कड़ी हैं।
बढ़ा हुआ मानदेय उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान देगा।
बेहतर स्वास्थ्य सेवा की दिशा में यह एक मजबूत कदम है।
नोट: नई प्रोत्साहन राशि का लाभ जुलाई 2025 से प्रभावी होगा।

