बिहार सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नवंबर 2005 में नई सरकार के गठन के बाद से ही युवाओं को सरकारी नौकरी और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता रही है। इसी दिशा में, सरकार ने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

कौशल विकास और रोजगार सृजन पर जोर

सरकार ने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तेज किया जा रहा है। ये प्रशिक्षण युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार के लिए सक्षम बनाने में मदद करेंगे। सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित करने के लिए भी कई योजनाएं शुरू की गई हैं।

स्नातकों के लिए स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार

मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत अब कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के स्नातक उत्तीर्ण बेरोजगार युवाओं को भी लाभ मिलेगा। पहले यह योजना केवल इंटर उत्तीर्ण युवाओं के लिए थी, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है।

पात्रता:

20 से 25 वर्ष के स्नातक, जो किसी संस्थान में अध्ययनरत नहीं हैं, नौकरी की तलाश में हैं, और जिनके पास कोई स्वरोजगार या नियोजन नहीं है।

लाभ:

1000 रुपये प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक भत्ता।

उद्देश्य:

यह भत्ता युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और कौशल प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करेगा।

आत्मनिर्भर और सशक्त युवा, विकसित बिहार

राज्य सरकार का कहना है कि यह पहल शिक्षित युवाओं को आत्मनिर्भर, दक्ष, और रोजगारोन्मुखी बनाने में मदद करेगी। इससे न केवल युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा, बल्कि बिहार और देश के विकास में भी उनका योगदान बढ़ेगा।

मुख्य बिंदु:

अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार।
कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को सशक्त करना।
स्नातकों के लिए स्वयं सहायता भत्ता योजना का विस्तार।
प्रतियोगी परीक्षाओं और स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता।
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