पटना। राज्य में गठित 17 वीं बिहार विधानसभा भंग करने का निर्णय कैबिनेट द्वारा सोमवार को ले लिया गया। 19 नवंबर को विधानसभा भंग कर दी जायेगी। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. उनका कार्यकाल 22 नवंबर 2025 तक है। उनके इस्तीफे के पहले एनडीए विधायक दल की बैठक में उनको नयी सरकार का नेता चुना जायेगा।
एनडीए की बैठक में चुने जायेंगे नेता
नीतीश कुमार एनडीए के नेता चुने जाने के बाद ही वे अपने पद से इस्तीफा देंगे और फिर राज्यपाल को जाकर सौंपेंगे. साथ ही नयी सरकार गठन करने के लिए विधायकों की सूची सौंपेंगे। इसके बाद ही सदन बुलाकर फ्लोर टेस्टिंग की जायेगी और मुख्यमंत्री सदन के नेता चुने जायेंगे।
विजय चौधरी ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गयी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की अनुशंसा को राजभवन जाकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सौंप दिया। सुबह 11.30 बजे संपन्न हुए कैबिनेट की बैठक को लेकर जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में तीन प्रस्ताव पास हुए हैं। वर्तमान विधानसभा 19 नवंबर के प्रभाव से विघटित करने की अनुशंसा कर दी गयी है। इस आशय का निर्णय मुख्यमंत्री के माध्यम से राज्यपाल को अनुशंसा सौंप दिया गया है।
पदाधिकारियों को बधाई
उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में दूसरा प्रस्ताव सरकार के पूरे कार्यकाल में बिहार के पदाधिकारियों-कर्मियें ने जो सकारात्मक सहयोग दिया। सरकार की नीतियों को सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया। इसके लिए मुख्य सचिव के साथ तमाम कर्मियों के सेवा की सराहना की गयी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आभार
उन्होंने बताया कि तीसरे प्रस्ताव में हाल में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो भारी सफलता के साथ प्रचंड बहुमत मिला उसके लिए मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया गया।

