Award.Patna. बिहार सरकार देश-विदेश में हिंदी की सेवा करनेवाले साहित्यकारों सहित सरकारी संस्थाओं और विश्वविद्यालयों को लाखों का पुरस्कार देने की घोषणा की है. वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने  15 विभिन्न क्षेत्रों में ‘हिंदीसेवी सम्मान एवं पुरस्कार’  योजना की घोषणा की है. यह पुरस्कार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर हिंदी के क्षेत्र में साहित्यकारों व संस्थाओं को मिलेगा. देश और देश के बाहर हिंदी सेवा में समर्पित हिंदी साहित्यकारों, विद्वानों, हिंदी सेवियों, हिंदी से जुड़ी स्वैच्छिक संस्थानों, सरकारी संस्थानों, विश्वविद्यालयों और प्रसिद्ध अकादमियों से पुरस्कारों के संबंध में अनुशंसाएं आमंत्रित की गयी है. कैबिनेट विभाग के राजभाषा विभाग ने पुरस्कारों की प्रकृति के अनुरूप पुरस्कारवार साहित्यकारों व संस्थाओं से अलग-अलग अनुशंसाएं मांगी हैं. इसके लिए 30 अगस्त 2024 तक निदेशक, राजभाषा को अनुशंसा भेजी जानी है.

हर साल की तरह राज्य सरकार ने  डाॅ राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान सहित कुल 15 तरह के पुरस्कारों की घोषणा की  है. इसमें डा राजेंद्र प्रसाद पुरस्कार के तहत  छह लाख  की राशि दी जायेगी. इस पुरस्कार एकल है, जिसमें अखिल भारतीय स्तर पर विगत पांच वर्षों में सृजनात्मक हिंदी लेखन, पत्रकारिता, न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्यों में हिंदी के प्रयोग या प्रचार-प्रसार के क्षेत्र में अति विशिष्ट योगदान के लिए दिया जायेगा.

बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर पुरस्कार दूसरा है, जिसमें पांच लाख की पुरस्कार राशि है. यह भी एकल पुरस्कार है जो अखिल भारतीय स्तर पर पिछले पांच वर्षों में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा दीक्षा तथा उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास में हिंदी के माध्यम से विशिष्ट योगदान के लिए दिया जायेगा.

चार लाख रुपये का एकल पुरस्कार जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार है. इसमें अखिल भारतीय स्तर पर सामाजिक न्याय एवं समाज के कमजोर तथा पिछड़े वर्गों के विकास के क्षेत्र में हिंदी के माध्यम से विगत पांच वर्षों में विशिष्ट योगदान करनेवाले को दिया जायेगा.

बीपी मंडल पुरस्कार भी एकल पुरस्कार है, जिसमें चार लाख की पुरस्कार राशि दी जायेगी. यह पुरस्कार अखिल भारतीय स्तर पर पिछले दो वर्षों में हिंदी में सृजनात्मक लेखन के माध्यम से सामाजिक समरसता एवं भाईचारे की चेतना को निरूपित करनेवाले को दिया जायेगा.

चार लाख रुपये का नागार्जुन पुरस्कार है. यह एकल पुरस्कार है जिसमें राज्य के साहित्यकारों को पिछले दो वर्षों में कविता या उपन्यास के माध्यम से समसामयिक विषयों पर हिंदी लेखन के माध्यम से विशिष्ट योगदान के लिए दिया जायेगा.

राष्ट्रकवि दिनकर पुरस्कार भी एकल है जिसमें चार लाख की पुरस्कार राशि देय है. यह पुरस्कार पिछले दो वर्षों में हिंदी कविता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए राज्य के साहित्यकारों को दिया जायेगा.

फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार के तहत चार लाख दिया जायेगा. यह एकल पुरस्कार है, जिसमें बिहार के ग्रामीण परिवेश को आधार बनाकर विगत दो वर्षों में हिंदी उपन्यास अथवा कथा लेखन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए राज्य के साहित्यकारों को दिया जायेगा.

महादेवी वर्मा पुरस्कार में एक लाख की राशि उन लोगों को दी जायेगी, जिन्होंने दो वर्षों में हिंदी साहित्य की किसी भी विधा में विशिष्ट रचना करने और अपनी पहचान स्थापित करनेवाली महिला लेखिका हो. बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार में एक लाख रुपये उनको दिया जायेगा, जो 10 वर्षों में अहिंदीभाषी क्षेत्र में हिंदी प्रचार-प्रसार के लिए विशिष्ट योगदान करनेवाले व्यक्ति हो

. विद्याकर कवि पुरस्कार 10 वर्षों में अहिंदी भाषी क्षेत्र में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए विशिष्ट योगदान के लिए हिंदी सेवी संस्था को दिया जायेगा . इसमें एक लाख की राशि पुरस्कार में दी जायेगी. विद्यापति पुरस्कार में एक लाख राशि उनको दी जायेगी जो पांच वर्षों में मिथिलांचल की संस्कृति एवं सांस्कारिक परंपरा पर हिंदी अथवा मैथिली में रचित उत्कृष्ट पुस्तक रचना की हो. यह पुरस्कार राज्य के लेखक व लेखिकाओं को ही मिलेगा.

मोहनलाल महतो वियोगी पुरस्कार में भी एक लाख की राशि दी जायेगी. यह पुरस्कार पांच वर्षों में मगध अंचल के जीवन, उनकी संस्कृति एवं सांस्कारिक परंपरा पर हिंदी या मगही में उत्कृष्ट पुस्तक की रचना के लिए राज्य के लेखक व लेखिकाओं को दिया जायेगा.

भिखारी ठाकुर पुरस्कार में एक लाख की राशि पिछले पांच वर्षों में भोजपुर अंचल के जीवन उनकी संस्कृति एवं सामाजिक परंपरा पर हिंदी अथवा भोजपुर में उत्कृष्ट पुस्तक रचना के लिए राज्य के लेखक व लेखिका को दिया जायेगा.

बिहार की लोकभाषा एवं लिपि के विकास के क्षेत्र में हिंदी में मौलिक लेखन के लिए डाॅ ग्रियर्सन पुरस्कार पुरस्कार दिया जायेगा. इसमें एक लाख की राशि दी जायेगी. पिछले दो वर्षों से धर्म, भारतीय संस्कृति, भारतीय विचार-पद्धति एवं भक्ति-साहित्य पर हिंदी में काव्य, नाटक, उपन्यास, शोधप्रबंधन एवं समालोचना विधाओं में मौलक ग्रंथों की रचना करनेवालों को डाॅ फादर कामिल बुल्के पुरस्कार दिया जायेगा. इसमें राज्य के लेखक-लेखिकाओं को एक लाख का पुरस्कार दिया जायेगा.

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