BIHAR,PATNA. बिहार में पंचायत समिति के प्रमुख-उप प्रमुख और जिला परिषदों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को कैसे लाया जायेगा, इसे सरकार ने साफ कर दिया है. किसी भी प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष को हटाने के लिए बैठक में उपस्थित सदस्यों के बहुमत की आवश्यकता है न कि कुल निर्वाचित सदस्यों के बहुमत की. यानी कि अगर किसी भी पंचायत समिति में निर्वाचित सदस्यों की संख्या 20 है तो प्रमुख को हटाने के लिए बुलाई गयी बैठक में सिर्फ 10 सदस्य ही उपस्थित होते हैं. वे 10 सदस्य ही बहुमत से प्रस्ताव पारित करते हैं तो उस अविश्वास को मान लिया जायेगा. यानी 10 में से छह सदस्यों के बहुमत से प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव स्वीकृत हो जायेगा.
पंचायतीराज विभाग के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता और विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने शुक्रवार को पटना हाइकोर्ट के फैसले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि निर्वाचित प्रमुख-उप प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए कुल निर्वाचित सदस्यों की आवश्यकता नहीं रह गयी है. पटना हाइकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि अब अविश्वास प्रस्ताव में उपस्थित सदस्यों के बहुमत से पारित प्रस्ताव ही सही है. अविश्वास प्रस्ताव पारित करने के लिए सभी पंचायत समिति या जिला परिषद सदस्यों की उपस्थिति आवश्यक नहीं है.