BIHAR, BETTIAH. जंगलसफारी और नदियों में बोटिंग करनेवाले पर्यटकों को बिहार के प्रसिद्ध बाल्मीकिटाइगर रिजर्व (वीटीआर) में घूमने के लिए 90 दिनों का इंतजार करना होगा. वीटीआर प्रशासन ने वीटीआर के जंगल में घूमनेवाले पर्यटकों के लिए 29 जून से 30 सितंबर तक रोक लगा दी है. ऐसे में इस पर्यटन स्थल पर आनेवाले हजारों पर्यटकों को जंगल सफारी करने और गंडक नदी में वोटिंग करने के लिए तीन माह का इंतजार करना होगा.

मॉनसून वन्यजीवों का प्रजनन काल

मॉनसून के आरंभ होते ही जंगली बाघ और अन्य वन्य जीवों के लिए प्रजनन का काल होता है. इसके साथ ही इस दौरान वीटीआर के वन पथों की मरम्मती का काम भी आरंभ हो जाता है.  प्रजनन काल में जंगली जानवरों का स्वभाव हिंसक हो जाता है. ऐसे में जंगल के अंदर भ्रमण करना किसी जोखिम से कम नहीं होता है. साथ ही जंगली जीवों को इस काल में अधिक समय तक प्रकृति के साथ रहने का अवसर भी मिलता है.

कौन कौन है टूरिज्म जोन

बाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाल्मीकिनगर, मंगुराहां और गोवर्धना में टूरिज्म जोन बनाया गया है. देश-विदेश के पर्यटक इस क्षेत्र में घूमने के लिए आते हैं. साथ ही लालभितिया सनसेंट प्वाइंट, कौलेश्वर झूला, इको पार्क, गोलघर और बोट सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है. पर्यटक यहां से अपनी नंगी आंखों से हिमालय की अन्नपूर्णा चोटी को भी देखते हैं.

नेपाल के चितवन निंकुज से जुड़ा है

बाल्मीकीटाइगर रिजर्व के साथ ही नेपाल का चितवन निकुंज भी जुड़ा हुआ है. हिमालय की शिवालिक रेंज के पहाड़ों पर बाघों सहित अन्य जंगली जीव यहां पाये जाते हैं. साथ ही हिमालय पर्वत की शिवालिक रेंज का विस्तार भी दिखता है. शिवालिक रेंज के इन पहाड़ों पर बड़े और घने जंगल है. साथ ही इस पर्यटन स्थल पर गंड़क में नारायण पत्थर भी मिलता है. इसके कारण इस नदी को नारायणी भी कहा जाता है.

गंडक का जलग्रहण क्षेत्र

मॉनसून के आते ही गंडक नदी अपने जलग्रहण क्षेत्र सहित नेपाल के पहाड़ों से अधिक मात्रा में पानी लेकर नीचे उतरती है. इसके कारण गंडक का जलस्तर अधिक बढ़ जाता है. कभी-कभी तो यह खतरे के निशान को भी छूने लगता है. ऐसी स्थिति में गंड़क नदी में वोटिंग करना सर्वाधिक जोखिम भरा काम होता है.

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