BIHAR. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ आइएएस अधिकारियों को आकर्षित कर रहा है. यहीं कारण है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़कर कुछ आइएएस अधिकारियों ने जनता दल यू(जदयू) की सदस्यता ली है. उड़ीसा कैडर के आइएएस अधिकारी रहे मनीष कुमार वर्मा ने मंगलवार को जदयू की विधिवत सदस्य ले ली है. उत्तरप्रदेश कैडर के आइएएस अधिकारी आरसीपी सिन्हा के बाद वह दूसरे आइएएस अधिकारी हैं जिन्होंने जदयू पार्टी की सदस्यता ली. आरसीपी सिन्हा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे थे और जदयू कोटे से केंद्रीय मंत्री भी बन गये थे. मनीष कुमार वर्मा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीब रह कर 12 वर्षों तक सेवा की.
मुख्यमंत्री के साथ संबंधों का किया खुलासा
जदयू कार्यालय में पद ग्रहण करने के बाद मनीष कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से साथ खुद अपने संबंधों की चर्चा की. उन्होंने बताया कि उड़ीसा कैडर की नौकरी के बाद उन्होंने वर्ष 2012 में बिहार में प्रतिनियुक्ति करा ली. बिहार आने के बाद उनको पूर्णिया और पटना के जिलाधिकारी की जिम्मेवारी सौंपी गयी.
वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री के सचिव नियुक्त हुए
वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री के सचिव नियुक्त कर लिये गये. उन्होंने मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में वर्ष 2021 तक काम किया. जब फिर उड़ीसा लौटने की बारी आयी तो उन्होंने आइएएस की नौकरी ही छोड़कर बिहार में सेवा करने का विचार किया. उन्होंने बताया कि आइएएस से त्यागपत्र के बाद बिहार में उनको सदस्य बिहार आपदा प्रबंधन प्राधिकार और बिहार विकास मिशन में मुख्यमंत्री का अतिरिक्त सचिव नियुक्त कर दिया गया. इन दोनों पदों से उन्होंने सोमवार को त्यागपत्र दे दिया है. इस मौके पर जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी सहित पार्टी के कई मंत्री उपस्थित थे.