BIHAR ACHAR SAMITI. बिहार में आचार समिति की रिपोर्ट पर बर्खास्त होनेवाले पहले एमएलसी राजद के बने. विधान परिषद के इतिहास की यह पहली घटना है.  आचार समिति की पहली रिपोर्ट है पर  एमएलसी सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द हो गयी. पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के मुंह बोले भाई कहे जाते हैं. सुनील सिंह के खिलाफ 112 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी गयी है.   बिहार विधान परिषद की आचार समिति के सामने सदस्य भीसम सहनी द्वारा यह मामला लाया गया था.

क्या है मामला जिस पर हुई कार्रवाई

बिहार विधान परिषद के 206 वें सत्र में दिनांक 13 फरवरी 2024 को राज्यपाल के अभिभाषण हुआ. धन्यवाद प्रस्ताव पर अनुमोदन भाषण के क्रम में डा सुनील कुमार सिंह खड़े हुऐ. मुख्य सचेतक विरोधी दल(राजद) सुनील सिंह ने अभद्र टिप्पणी की. उनके साथ सदस्य मो सोहैब द्वारा सदन में उत्पन्न कर व्यवधान और अभद्र टिप्पणी की.  वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि वे वेल में आ गये.  मेज के पास खड़े होकर सदन नेता (मुख्यमंत्री ) की ओर मुखातिब हुए.  उनका नाम लेकर मुर्दाबाद के नारे लगाये. इतना ही नहीं उन्हें असंसदीय शब्द कहकर उपहास किया. सीएम के भाव भंगिमा की नकल करते रहे. इस कृत्य को घोर आपत्तिजनक माना गया.

क्यों फंसे सुनील सिंह और कैसे बचे मो सोहैब

आचार समिति ने दोनों आरोपित सदस्यों को मौका दिया गया. उनका पक्ष जानने के लिए पहली बार 03.05.2024 की बैठक की.  इसमें मो सोहैब  उपस्थित हुए.  और अपना लिखित पक्ष प्रस्तुत किया. सदस्य सुनील सिंह बैठक में उपस्थित नहीं हुए. समिति ने दूसरी बार दिनांक 22.05.2024 को बैठक बुलायी. इस बैठक में भी वह उपस्थित नहीं हुए. तीसरी बार 31 मई 2024 को आचार समिति की बैठक हुई. और सुनील सिंह को अपना पक्ष रखने के लिए इस आग्रह के साथ आमंत्रित किया.

बैठक में नहीं आये सुनील सिंह

समिति ने कहा बैठक में अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो यह माना जायेगा कि उनको इस वाद के संबंध में कुछ नहीं कहना है. इस बैठक में वह उपस्थित नहीं हुए. बल्कि एक कड़ा पत्र लिखकर समिति को कठघरे में खड़ा कर दिया. उनको फिर से छह जून 2024 की नियमित बैठक में आकर पक्ष रखने का मौका मिला. सुनील सिंह को अंतिम मौका 12 जून 2024 की बैठक दिया गया. इस बैठक में वह पहली बार शामिल हुए.  अपने ऊपर लगे आरोपों के बारे में कुछ नहीं कहा. और उन्होंने समिति के गठन पर प्रश्न चिह्न लगा दिया.

समिति ने की दो अलग-अलग अनुशंसाएं

बिहार विधान परिषद की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम 290 की कंडिका 10(ग) के अधीन समिति सर्वसम्मति से अनुशंसा की कि सत्र 206 वां के दौरान सदन में असंसदीय आचरण एवं अमर्यादित व्यवहार के लिए सदस्य मो सोहैब को आगामी सत्र में दो दिनों के लिए निलंबित किया जाये. इसके अलावा समिति ने दूसरी अनुशंसा की जिसमें कहा गया है कि बिहार विधान परिषध की प्रक्रिया एवं कार्यसंचालन नियमावली के नियम 290 की कंडिका 10(घ) के अधीन समिति सर्वसम्मति से अनुशंसा करती है कि डा सुनील कुमार सिंह को बिहार विधान परिषद की सदस्यता से मुक्त किया जाये.

कौन हैं आचार समिति के अध्यक्ष और सदस्य

बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नाराणय सिंह के अधीन गठित आचार समिति के  अध्यक्ष प्रो रामवचन राय हैं. इसके सदस्यों में नीरज कुमार, डा मदन मोहन झा, प्रो संजय कुमार सिंह, अशोक कुमार पांडेय, प्रो (डा) राज्यवर्द्धन आजाद और डा प्रमोद कुमार शामिल हैं.

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