BIHAR. बिहार में सड़कों के माध्यम से होनेवाली यात्रा सुखद हो गयी है. अच्छी सडकों के बनने से राज्य के हर कोने से राजधानी या एक जिले से दूसरे जिले में आनेजाने की सुगम व्यवस्था हो गयी है. बिहार  में वायु परिवहन की स्थिति में अभी भी सुधार नहीं हुआ है. राज्य की सीमाएं अंतरराष्ट्रीय बोर्डर से लगती है. साथ ही पड़ोसी राज्यों से घिरे बिहार के जिलों में स्थापित हवाई अड्डों की स्थिति अभी तक जर्जर बनी हुई है. राज्य में वर्तमान में पटना का जयप्रकाश नारायण हवाई अड्डा, गया का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और दरभंगा का हवाई अड्डा यात्रियों और कार्गो की सेवाएं दे रहा है.

राज्य में सरकार द्वारा पूर्व से ही 18 जिलों में हवाई अड्डा की जमीन है पर वहां की हवाई पट्टी और रनवे बेकार पड़े हुए हैं. भारत-नेपाल की सीमा पर रक्सौल में स्थापित एयरपोर्ट का सामरिक महत्व है. यह एयरपोर्ट दिल्ली-पटना-रक्सौल-काठमांडु के लिए सेवाएं दे सकता है. वर्तमान में रक्सौल एयरपोर्ट का रनवे बेकार हो गया है और एयरपोर्ट की जमीन पर खेती होती है. इसके अलावा जिन जिलों में हवाई अड्डा है उसमें बेतिया, बेगूसराय, भागलपुर, सुपौल, छपरा, रोहतास, किशनगंज, मधुबनी, मुंगेर, पूर्णिया, सहरसा, कैमूर, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, जहानाबाद, मोतिहारी और कटिहार में एयरपोर्ट है. इन एयरपोर्ट में शायद ही कभी हवाई जहाज उतरता हैं. चुनाव के समय में नेताओं के यहां पर हेलीकॉप्टर जरूर चक्कर लगाते हैं. इसके अलावा इन एयरपोर्ट का उपयोग कभी आपदा राहत पहुंचाने के लिए भी की जाती है. हालांकि आपदा के समय भी यहां हवाई जहाज नहीं उतरते हैं.

इन 18 जिलों के एयरपोर्ट की स्थिति ऐसी है कि किसी की चाहरदीवारी टूटी है तो कहीं पर खुले मैदान की स्थिति हो गयी है.

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