BIHAR. बिहार में जातीय राजनीति करनेवाली सियासती जमातों को एक बार फिर गहरा धक्का लगा है. लोकसभा चुनाव में पूर्णिया की जनता ने निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव को जीत से नवाजा है. साथ ही अब पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा उप चुनाव में भी वहां की जनता ने जातीय राजनीतिक को किनारे करके निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह के माथे पर ताज रख दिया है. इन दोनों चुनाव की केंद्र बिंदु रही राजद की प्रत्याशी बीमा भारती. बीमा भारती लोकसभा और विधानसभा उप चुनाव में राजद की प्रत्याशी रहीं और दो माह के अंदर होनेवाले दोनों चुनावों में भारी मतों से पराजित हुई हैं. उनके पराजय की कहानी यह है कि वह न तो लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रही और नहीं विधानसभा उप चुनाव में ही.
पूर्णिया की जनता ने बिहार की जातीय राजनीति को सबक सीखा दिया है. बीमा भारती रूपौली विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यू (जदयू) की टिकट पर लगातार जीत रही थी. जनवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बहुमत के समय में उन्होंने बगावत की और राजद के खेमे में चली गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुमत जीत की राज्य की सत्ता की बागडोर लगातार चला रहे हैं. नीतीश कुमार का साथ छोड़ने का खामियाजा बीमा भारती को उठाना पड़ा.
रूपौली विधानसभा उप चुनाव के चुनावी परिणाम के अनुसार यहां से निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह 8246 मतों से जीते हैं. उनको उप चुनाव में कुल 68070 मत प्राप्त हुआ जबकि जदयू के प्रत्याशी कलाधर प्रसाद मंडल को 59824 मत प्राप्त हुआ है. बीमा भारती तीसरे नंबर पर रही और उनको जनता ने 30619 मत दिया है. रूपौली विधानसभा के मतों की गिनती 13 राउंड तक चली.