180 दिनों में स्वघोषणा कर सकेंगे
अगस्त 2025 तक पूरा करना है सर्वे
राज्य में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त के तहत रैयतों को घोषणा समर्पित करने, मानचित्र तैयार करने, रैयतों से दावा-आपत्ति प्राप्त करने और दावा-आपत्ति को निष्पादित करने की अवधि को बढ़ा दिया गया है. इसको लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2024 को मंजूरी दे दी गयी. कैबिनेट ने अब रैयतों को 180 दिनों का समय स्वघोषणा के लिए दिया है. इसके तहत अब सर्वे का पूरा कार्य जून 2015 साथ ही कैबिनेट ने कुल 33 एजेंडों पर मुहर लगायी.
कैबिनेट विभाग के एसीएस ने दी जानकारी
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) नियमावली 2024 में पूर्व में प्रावधान था कि अधिसूचना प्रकाशन की तिथि से 30 कार्य दिवसों के भीतर स्वघोषणा समर्पित किया जाना था. प्रस्तावित नयी नियमावली में अब अधिसूचना प्रकाशन की तिथि से 180 कार्य दिवसों के अंदर रैयतों द्वारा स्वघोषणा समर्पित किया जायेगा. इसका मकसद है कि भूमि के सर्वेक्षण के क्रम में शतप्रतिशत शुद्धता, पारदर्शितता और गतिशीलता सुनिश्चित की जा सके.
दूसरा संशोधन
उन्होंने बताया कि इस नियमावली में दूसरा संशोधन किया गया है कि राजस्व ग्राम के मानचित्र सत्यापन और मानचित्र प्राप्ति की तिथि 90 कार्य दिवसों तक की गयी है. पूर्व में राजस्व ग्राम के मानचित्र सत्यापन मानचित्र की प्राप्ति की तिथि 30 कार्य दिवस निर्धारित की गयी थी. खानापुरी पर्चा से संबंधित सूचना रैयतों को प्राप्त होने की अवधि को अब 15 दिनों की जगह पर 30 दिनों तक विस्तारित किया गया है. कानूनगो, अंचल निरीक्षक, सहायक चकबंदी पदाधिकारी द्वारा दावों के दायर होने की तिथि से अधिकतम 30 दिनों के भीतर आदेश पारित किया जाना था, अब इसे बढ़ाकर अधिकतम 60 दिन कर दिया गया है.
सरकारी जमीन की अनुमति का पैमाना
इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि दावा, आक्षेप सरकारी या लोकभूमि के संबंध में दायर किया गया हो तो उसकी सुनवाई एवं निपटारा सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी करेंगे. नये सर्वे और सेंटलमेंट में अंतिम प्रकाशन की तिथि से 90 दिनों के भीतर कोई व्यक्ति जो किसी भूमि अथवा उसके भाग में हित रखता हो तो प्रपत्र 21 में संबंधित एक या एक से अधिक अधिसूचित पदाधिकारी के समक्ष दावा-आक्षेप दायर कर सकेगा.