विधानसभा चुनाव के पहले बिहार सरकार ने हर परिवार की महिलाओं को एक बड़ा गिफ्ट दिया है. रोजगार के नाम पर सरकार राज्य की करीब एक करोड़ 40 लाख महिलाओं को तत्काल 10-10 हजार का आर्थिक सहायता देगी. यह महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में निर्णय
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित राज्य कैबिनेट की विशेष बैठक में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को मंजूरी दी गयी. इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार से किसी एक महिला को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की शुरुआती सहायता दी जायेगी. राज्य में परिवारों की संख्या एक करोड़ 40 लाख है. रोजगार के लिए दी जानेवाली राशि वापस नहीं लौटानी है.
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने दी जानकारी
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि यह योजना सूबे में महिला रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने बताया कि 70 हजार महिला समूहों के साथ संवाद के दौरान यह महसूस किया गया कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए ठोस पहल जरूरी है. इसी के आधार पर सरकार ने इस योजना की रूपरेखा तैयार की.
एक सितंबर से योजना होगी शुरू, आगे दो लाख और
मुख्य सचिव ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया एक सितंबर से शुरू होगी. प्रारंभिक 10 हजार रुपये की किस्त मिलने के बाद महिला उद्यमी यदि छह महीने में सफलतापूर्वक काम करती है, तो उन्हें आगे चलकर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी दी जायेगी. ग्रामीण विकास विभाग इस योजना की रूपरेखा और मार्गदर्शिका जल्द जारी करेगा. इसके अलावा रोजगार करने वाली महिलाओं द्वारा तैयार किये गये उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शन के लिए हाट-बाजार स्थापित करने की भी योजना है.
बाहर नहीं जाना होगा रोजगार के लिए
मुख्य सचिव ने बताया कि इस योजना से न केवल महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि पूरे परिवार की आमदनी बढ़ेगी और लोगों को मजबूरी में राज्य से बाहर जाकर काम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार 2005 से लगातार महिलाओं के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है. 2006 में पंचायत चुनाव तथा 2007 में सभी नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था लागू की. इसी का परिणाम है कि आज की तारीख में पंचायत से लेकर नगर निकायों के पदों पर 57 प्रतिशत महिलाएं काबिज हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का फैसला लिया था. इस योजना के लागू हुए 10 वर्ष हो गये हैं और इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. यह कानून भी महिलाओं की मांग पर ही लागू की गयी थी.
हाल में सामाजिक सुरक्षा की राशि बढ़ी
उन्होंने बताया कि हाल में सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि दोगुना करते हुए अभी 1.12 करोड़ परिवार को इसका लाभ दे रही है. उन्होंने कहा कि 2006 में जीविका का गठन किया गया था. अब तक 11 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन किया जा चुका है और 1.40 करोड़ महिला सदस्य इससे जुड़ चुकी हैं. प्रेस काॅन्फ्रेंस में विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह और अपर सचिव नीशिथ वर्मा उपस्थित थे.

