ELECTION. खालिस्तान समर्थक और वारिश पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह ने भारतीय लोकतंत्र को स्वीकार कर लिया है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन करते हुए उसने असम के डिब्रूगढ़ जेल से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। अमृतपाल ने पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल किया है। उसका नामांकन पत्र जांच के बाद स्वीकार भी कर लिया गया है। तथाकथित ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह का शपथ पत्र भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया गया। अपने शपथ पत्र में उसने अपने ऊपर दर्ज सभी मुकदमों का जिक्र किया है।
अमृतपाल बना निर्दलीय प्रत्याशी
अमृतपाल सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया है. उस अभी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया है। पंजाब के खडूर लोकसभा सीट से उसके नामांकन पत्र भरते ही यह सीट हॉट सीट हो गयी है। बताया जाता है कि उसकी ओर से उसके चाचा और रिश्तेदार सुखचैन सिंह द्वारा जिला निर्वाची पदाधिकारी के पास नामांकन पत्र दाखिल किया गया है। हांलाकि लोकसभा चुनाव को लेकर उसके वकील ने सात दिनों के लिए रिहाई की मांग की थी जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया।
शपथपत्र में दी सभी कांडों की जानकारी
अमृतपाल सिंह ने अपने शपथ पत्र में सभी थानों में दर्ज कांडों की जानकारी दी है. साथ ही उसने बताया है कि उसके पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है. उसके पास एसबीआइ की शाखा में सिर्फ एक हजार रुपये हैं। मालूम हो कि पंजाब पुलिस ने फरवरी 2023 में अजनाला की घटना के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद वह और उसके समर्थक तलवारें और बंदूके लहराते हुए अमृतसर शहर में बैरिकेड तोड़ते हुए पुलिस स्टेशन में घुस गये थे। इसको लेकर अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर हत्या का प्रयास, पुलिस पर हमला, लोकसेवकों के कर्तव्य के निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने को लेकर आपराधिक मामले दर्ज किये गये है।