
विधानसभा चुनाव के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए सरकार ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बड़ा सौगात दिया है. सत्तारूढ़ दल जदयू, भाजपा, हम और लोजपा (रामविलास) के कार्यकर्ताओं को स्थानीय स्तर पर सत्ता का भागीदार बना दिया गया है. राज्य के सभी प्रखंड में राजनीतिक कार्यकर्ताओं को 20 सूत्री का सदस्य बनाया गया है. इससे पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं स्थानीय रूप से सक्रिय होंगे और सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में भूमिका निभायेंगे.
कैबिनेट विभाग ने जारी की अधिसूचना
कैबिनेट विभाग ने राज्य के सभी 38 जिलों के 534 प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री कमेटी का गठन कर दिया है. इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. स्थानीय स्तर पर एनडीए के सभी दलों के कार्यकर्ताओं को इसके माध्यम से सत्ता में भागीदारी दे दी गयी है. हर प्रखंड की 20 सूत्री कमेटी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 15 सदस्यों को शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय राज्य स्तरीय 20 सूत्री कमेटी का गठन और 25 सदस्यीय जिला स्तरीय 20 सूत्री कमेटी का गठन पहले हो चुका है. इसके बाद सरकार ने प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री कमेटी का गठन कर दिया है. अब सरकार के विकास कार्यों में तेजी आयेगी.
बीडीओ होंगे कमेटी के सदस्य सचिव
राज्य सरकार ने अर्थ व्यवस्था को सुदृढ़ करने और कमजोर वर्ग के परिवारों को सहायता दिलाने के लिए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन और मॉनीटरिंग की जिम्मेवारी प्रखंड स्तरीय समिति के जिम्मे होगी. इसके सदस्य सचिव प्रखंड विकास पदाधिकारी होंगे, जबकि अंचल अधिकारी, प्रखंड में कार्यरत विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक सहित अन्य सदस्य शामिल हैं. प्रखंड स्तरीय 20 सूत्री (कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति) कमेटी की बैठक हर दो माह में कम से कम एक बार होगी. प्रखंड विकास पदाधिकारी की जिम्मेवारी होगी कि वह कमेटी के अध्यक्ष की राय से बैठक बुलाने के लिए एक सप्ताह पूर्व इसकी सूचना देंगे. बैठक की कार्यवाही एक सप्ताह के अंदर जिलाधिकारी को उपलब्ध करायी जायेगी. इसकी अगली बैठक में पूर्व की बैठक में लिये गये निर्णयों का अनुपालन प्रतिवेदन समिति के समक्ष रखा जायेगा.
क्या होगी कमेटी की जिम्मेवारी
यह समिति राज्य सरकार की चलायी जा रही योजनाओं और केंद्र प्रायोजित मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास की मदवार योजनाओं की समीक्षा करेगी. राज्य सरकार के सात निश्चय की समीक्षा करने का अधिकार भी कमेटी के पास होगा. खाद्य सुरक्षा अधिनियम का कार्यान्वयन, खेल विभाग की योजनाओं की समीक्षा, नल जल, पंचायती राज, ग्रामीण विकास की पुल-पुलिया जैसी जनहित योजनाओं की समीक्षा भी कमेटी करेगी. समाज कल्याण, एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, कृषि रोड मैप, आपदा प्रबंधन की योजनाओं की समीक्षा का अधिकार भी को दिया गया है.