बिहार में पिछले साल 2023 के सितंबर महीने में डेंगू ने कहर ढ़ाया था. पिछले साल एक दशक में सितंबर माह में पाये जानेवाले सबसे अधिक डेंगू मरीज थे. अभी सितंबर आनेवाला है और डेंगू का कहर भी अभी तक काबू में हैं. चिकित्सकों की सलाह है कि बरसात के बाद फैलनेवाले मच्छरों के प्रकोप से सचेत होने का समय आ गया है. कई बार तो डेंगू जानलेवा भी हो जाता है.
सितंबर 2023 में पाये गये थे 6146 डेंगू के मरीज
बिहार में सितंबर 2023 में राज्यभर में कुल 6146 डेंगू के नये मरीज पाये गये थे. मरीजों की संख्या देखते हुए स्वास्थ्य महकमा भी चौकन्ना हो था. इस वर्ष भी इसकी पहले से तैयारी कर लेने की जरूरत है. वर्ष 2023 में डेंगू के अब तक सर्वाधिक 20224 मरीज पाये गये थे. पिछले साल इसके कारण 74 लोगों की मौत हुई थी. पिछले वर्ष तो सितंबर माह में ही अप्रत्याशित रूप से डेगू के 6146 नेय डेंगू मरीज पीड़ित हो गये थे. नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल पर बिहार के डेंगू के आंकड़ों को दर्शाया गया है.
इस वर्ष अभी तक सिर्फ 417 नये डेंगू मरीज
बिहार में अभी तक डेंगू के कुल 417 नये मरीज पाये गये हैं. औसतन हर माह राज्य में 50 के करीब डेंगू के नये मरीज पाये गये हैं. बिहार में सिर्फ दो जिले अरवल और बेगूसराय ऐसे हैं जहां पर अभी तक डेंगू का एक भी मरीज नहीं पाया गया. शेष सभी जिलों में डेंगू के मरीज पाये गये हैं. इसमें सर्वाधिक डेंगू के मरीज पटना जिला में पाये गये हैं. पटना जिला में सर्वाधिक 162 नये मरीज अभी तक पाये गये हैं. हालांकि अभी तक डेंगू के कारण किसी भी मरीज के मरने की खबर नहीं हैं.
कैसे फैलती है डेंगू की बीमारी
विशेषज्ञों की माने तो यह बीमारी मच्छर के काटने से फैलती है. डेंगू का मच्छर साफ पानी में रहता है. उसी में अपना अंडा देता है जो बाद में पनपकर हजारों की संख्या में मच्छर बन जाते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू से बचने के लिए कुछ एहतियात बरतने की आवश्यकता है. इसमें अपने घरों के आसपास जलजमाव नहीं होने दें. अपने छत पर रखे गये नारियल को खोखे में जमा पानी हटा दें. साथ ही छत पर अगर को पुराना टायर या कोई बर्तन में बरसात का पानी जमा हो तो उसे फेंक दें. इसके अलावा घर में अगर कोई मनी प्लांट लगया है तो उसमें रखा गया साफ पानी भी डेंगू का घर बन सकता है. मनी प्लांट में पानी हर रोज बदल दें. इसके अलावा कोई अपने पूजा घर में साफ पानी किसी खुले बर्तन में रखता है तो उसे हटाकर फेंक दे. ऐसा करने से डेंगू से बचाव हो सकता है.
पिछले सालों में कैसा रहा था डेंगू का बिहार में प्रकोप
डेंगू का पिछले पांच वर्षों के प्रभाव को देखें तो कोरोना काल में भी इसके मच्छर शांत नहीं बैठे थे. उस दौर में भी डेंगू मरीजों की संख्या 2024 की तुलना में कई गुणा अधिक थी. वर्ष 2019 में राज्य में कुल 6712 डेंगू के मरीज पाये गये थे जिसमें मौत की संख्या शून्य थी. वर्ष 2020 में राज्य में डेंगू के 493 मरीज पाये गये थे जिसमें दो की मौत हो गयी थी. इसी प्रकार से वर्ष 2021 में राज्य में कुल 633 डेंगू मरीज पाये गये थे जिसमें दो की मौत हो गयी थी. वर्ष 2022 में डेंगू के मरीजों में बेतहासा वृद्धि हुई और इसके मरीजों की संख्या 13972 पर पहुंच गयी. वर्ष 2022 में 32 डेंगू मरीजों की मौत हुई थी. इसी तरह से पिछले