बिहार में एक सांसद के चुनाव पर कितने खर्च होते हैं
बिहार में एक सांसद के चुनाव पर आखिर कितनी राशि खर्च होती है. देश के साथ बिहार में भी लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न हो गया है. पर लोकसभा चुनाव में कितने खर्च करने के बाद सांसद चुना जाता है, इसकी खबर मतदाताओं को भी नहीं रहती. लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद चुनावी खर्च पर चर्चा ही नहीं होती. यहां तक कि चुने गये सांसदों को भी सिर्फ अपने खर्च की जानकारी होती है. सांसद के चुनाव करने में सरकार द्वारा बड़ी रकम खर्च की जाती है.
कितने खर्च में चुने जाते हैं सांसद
बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 में एक सांसद को चुनने पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च हुआ है. हालांकि यह आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. बिहार की 40 लोकसभा चुनाव पर करीब 550 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. ऐसे में सिर्फ सरकार द्वारा एक सांसद के चुनाव पर करीब 13 करोड़ खर्च किया जाता है. इसके अलावा चुनाव में हर प्रत्याशी द्वारा भी खर्च किया जाता है. लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी के चुनावी खर्च की सीमा 95 लाख निर्धारित है.
सांसदों ने कितने खर्च किये
बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर जीतने वाले सांसदों ने 34600 रुपये से लेकर 91 लाख तक खर्च किया है. बिहार के लोकसभा की काराकाट सीट से जीत दर्ज करनेवाले वाम दल के सांसद राजाराम सिंह ने चुनावी खर्च 34600 रुपये दिखाया है. राजाराम सिंह ने अपने चुनावी खर्च में सिर्फ इतनी राशि ही दर्शायी है. दूसरी ओर गया लोकसभा सीट से जीतनेवाले हम प्रमुख जीतन राम माझी ने 91 लाख रुपये चुनाव में खर्च किया है.
लोकसभा के चुनावी खर्च की सीमा क्या है?
लोकसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने खर्च की सीमा निर्धारित की है. लोकसभा चुनाव में हर प्रत्याशी को 95 लाख रुपये तक चुनाव और चुनाव प्रचार में खर्च करने की छूट दी गयी है. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें है. लोकसभा चुनाव में हर संसदीय क्षेत्र में करीब 10-15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.
संसद सदस्यों की संख्या कितनी होती है
भारती लोकतंत्र के मंदिर माने जानेवाले लोकसभा में सदस्यों की कुल संख्या 550 होती है. बिहार सहित देश के सभी राज्यों से कुल 530 सदस्यों का चुनाव किया जाता है. केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 13 सांसदों का चुनाव किया जाता है. शेष दो सांसदों को राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है. बिहार राज्य से लोकसभा के कुल 40 सांसदों का चुनाव किया जाता है.
एक सांसद को कितना खर्च करने की अनुमति है
लोकसभा या राज्य सभा के एक सदस्य को खर्च करने की सीमित शक्ति दी गयी है. लोकसभा सदस्य अपने पांच कार्यकाल में कुल 25 करोड़ की योजनाओं की अनुशंसा कर सकता है. यानी हर साल पांच करोड़ की योजना की अनुशंसा करने की उसको अनुमति है. लोकसभा सदस्यों को दी जानेवाली राशि एमपीलैंड्स यानी कि मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम कहलाती है.