![For the first time on the soil of Patna, the litmus test of Anshul Avijit Kushwaha, grandson of late Jagjivan Ram, a veteran Congress leader, is going to take place.](https://bihardailynews.com/wp-content/uploads/2024/05/Ansul-Avijit.webp)
BIHAR. पटना की धरती पर पहली बार कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व जगजीवन राम के नाती अंशुल अविजित कुशवाहा का लिटिमस टेस्ट होनेवाला है. अंशुल पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पुत्र हैं. उनका पटना साहिब लोकसभा सीट पर मुकाबला भाजपा के दिग्गज व राम मंदिर निर्माण के वकील रविशंकर प्रसाद से हैं. सासाराम के रहनेवाले स्व जगजीवन राम के परिवार का पहला सदस्य अंशुल हैं जो पटना साहिल लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं. दो पीढ़ियों की वसीयत को लेकर चुनावी मैदान में उतरनेवाले कांग्रेस प्रत्याशी की परीक्षा पहली जून को होनेवाली है.
सभी दलों को पटना साहिब की जनता ने दिया है जनादेश
आजादी के बाद से होनेवाले पहले चुनाव से लेकर अभी तक सभी दलों के प्रत्याशियों को पटना साहिब के मतदाताओं ने जनादेश दिया है. आजादी के होनेवाले लगातार तीन बार के लोकसभा चुनावों में पहले कैलाशपति सिन्हा, दूसरे बार सारंगधर सिन्हा, और रामदुलारी देवी के जीत मिली. जैसे ही 1967 का लोकसभा चुनाव आया यहां पर सीपीआई के राम अवतार शास्त्री ने पटना साहिब लोकसभा सीट पर कब्जा कर लिया. वह दूसरी बार 1971 में भी यहां से निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंच परंतु 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोक दल के महामाया प्रसाद सिन्हा ने यह सीट सीपीआइ से ले ली. वर्ष 1984 के लोकसभा चुनाव में अंतिम बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में डा सीपी ठाकुर ने जीत दर्ज की.
भाजपा के खाते में आयी 1989 में यह सीट
पहली बार भाजपा के खाते में पटना साहिब की सीट 1989 में तब आयी जब यहां से भाजपा के शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने जीत दर्ज की. हालांकि लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस सीट पर 1996 में रामकृपाल यादव ने जीत दर्ज की. उसके बाद 1998 में फिर सीपी ठाकुर भाजपा प्रत्याशी के रूप में पटना साहिब के प्रत्याशी बने और जीत दर्ज की सीपी ठाकुर फिर 1999 में यहां के सांसद चुने गये.
बिहार बंटवारे के बाद नयी परिस्थिति
बिहार बंटवारे के बाद वर्ष 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में फिर से राजद के रूप में रामकृपाल यादव ने जीत दर्ज की. इसके बाद वर्ष 2009 में सिने स्टार शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा के खाते में यह सीट जीतकर दी और वह 2014 में फिर भाजपा से ही सांसद बने. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद को बनाया तो शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे. इस बार कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा को करारी हार मिली और भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद सांसद चुने गये. रविशंकर प्रसाद को भाजपा ने वर्ष 2024 में फिर अपना प्रत्याशी बनाया है. अब जगजीवन राम के नाती और कांग्रेस प्रत्याशी अंशुल अविजित कुशवाहा का मुकाबला रविशंकर प्रसाद से होना है. लोकसभा चुनाव का परिणाम चार जून को आयेगा.