BIHAR, PURNIA. बिहार की राजनीति भी अपने में कई रंग समेटे हुए हैं. हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के बाद होनेवाले बुधवार को रूपौली के विधानसभा उप चुनाव के मतदान में यह बदला रंग दिख रहा है. पूर्णिया लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव और राजद प्रत्याशी बीमा भारती एक दूसरे के सामने मैदान में थे. बीमा भारती को लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने अपना प्रत्याशी बनाया था. उधर पप्पू यादव कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं बनाये जा सके.
पप्पू यादव प्रत्याशी बन लिया राजद से अदावत
पप्पू यादव कांग्रेस और राजद से अपनी अदावत निर्दलीय प्रत्याशी बन कर दिखाया. उन्होंने लोकसभा चुनाव में राजद प्रत्याशी को पूर्णिया लोकसभा सीट पर मात दी और निर्वाचित हो गये. पूर्णिया की जनता ने उनको स्वीकार कर लिया. लोकसभा में राजनीतिक दुश्मन बने पप्पू यादव और बीमा भारती के बीच राजनीतिक दूश्मनी समाप्त हो गयी है. पप्पू यादव ने राजद प्रत्याशी बीमा भारती को पूरा समर्थन देने की घोषणा कर दी है.
कांग्रेस का था राजनीतिक दबाव
पप्पू यादव के समर्थन देने के पीछे कांग्रेस का राजनीतिक दबाव है. पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन कांग्रेस की राज्यसभा सांसद हैं. साथ ही पप्पू यादव ने लोकसभा चुनाव के पहले दिल्ली में एआइसीसी नेताओं के सामने कांग्रेस की सदस्यता भी ली थी. उन्होंने प्रियंका गांधी के कहने पर कांग्रेस की सदस्यता ली थी. अब कांग्रेस का अंदरूनी दवाब है कि पप्पू यादव राजद और महागठबंधन प्रत्याशी बीमा भारती को चुनाव में मदद करें.
बीमा ने दिया था त्यागपत्र
बीमा भारती भी रूपौली से त्यागपत्र देकर राजद की सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था. बीमा भारती 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर रूपौली से विधायक चुनी गयी थी. हालांकि जनवरी में नीतीश कुमार के विधानसभा में बहुमत हासिल करने के दौरान वह पार्टी से बगावत कर गयी. हालांकि नीतीश कुमार ने उनको जदयू से निष्कासित नहीं किया. उन्होंने स्वत: जदयू से त्यागपत्र देकर राजद की प्रत्याशी बनी.