रामनगर विधानसभा क्षेत्र, जहां से पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में स्व केदार पांडेय चुनाव हार गये थे. हालांकि बाद में वे राज्य के मुख्यमंत्री भी बने. पर इस विधानसभा क्षेत्र ने उनको यह मौका नहीं दिया. आजादी के बाद होनेवाले विधानसभा चुनावों में कुछ राजनीतिक हस्तियों ने यहां से लगातार प्रतिनिधित्व किया. चुने गये इन राजनेताओं में वर्तमान विधायक भागीरथी देवी है. पर इस क्षेत्र का नेतृत्व करने का पहला मौका नारायण विक्रम शाह का मिला. स्व नारायण विक्रम शाह को क्षेत्र की जनता ने चार बार ताज पहनाया. इसके बाद इसी परिवार से उनके बाद अर्जुन विक्रम शाह को भी जनता का प्यार मिला. वह इस क्षेत्र से तीन बार निर्वाचित होकर बिहार विधानसभा पहुंचे थे. शाह परिवार को इस बात का श्रेय मिला कि उसके परिवार से दोनों में किसी को भी एक बार पराजय का सामना नहीं करना पड़ा.
चंद्रमोहन राय का राजनीतिक सफर
यहां की जनता ने चंद्रमोहन राय एक लंबे संघर्ष के बाद क्षेत्र का नेतृत्व सौंपा. चंद्रमोहन राय को क्षेत्र का चार बार नेतृत्व करने का मौका मिला पर वह इस क्षेत्र से चार बार चुनाव भी हारे. वर्ष 1962 से होनेवाले आम चुनाव में इन चार नेताओं के बीच सिर्फ वर्ष 1995 में यहां से जनता दल से राम प्रसाद यादव चुनाव जीते. राम प्रसाद यादव को यह जीत तब मिली जब लालू प्रसाद अपने राजनीति के चरम पर थे. क्षेत्र के मतदाताओं पार्टी के साथ कैंडिडेट पर भी वोट लुटाते रहे हैं.
परिसीमन से बदला स्वरूप
इस क्षेत्र का परिसीमन के बाद इस क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति भी बदल गयी और इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया. सामान्य श्रेणी की यह सीट 2010 विधानसभा चुनाव से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गयी. तब से शुद्ध गांव-गवई महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने और बोली बोलने वाली भागीरथी देवी जीत हासिल करती रही. दलगत रूप से वर्ष 2000 से ही रामनगर विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा रहा.
रामनगर मिल आर्थिक गतिविधि का केंद्र
रामनगर चीनी मिल से जब सफेद धुंआ निकलता है. यहां के किसान मतदाताओं की आंखों में आर्थिक खुशहाली की चमक आ जाती है. हजारों एकड़ में फैले गन्ना के खेत और उसमें खेती करने वाले किसान इस क्षेत्र की पहचान हैं. हाड़ तोड़ मेहनत करनेवाले किसानों के बीच राजनीति के बड़े चेहरे भी दर्शन देने आते हैं. जिस कद के नेता उस स्तर का भाषण. इससे किसानों के जीवन में बदलाव भी नहीं दिखता. मतदान के बाद किसान अपनी रोजी-रोटी और किसानी में जुट जाते हैं. इसके साथ ही चुनाव में जीतकर पटना और दिल्ली जानेवाले नेता अपनी दुनिया में खो जाते हैं. रामनगर विधानसभा में लोकतंत्र का यह सिलसिला जारी रहता है.
क्षेत्र की आरक्षण पूर्व की स्थिति
रामनगर विधानसभा क्षेत्र बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है और यह वाल्मीकिनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है. अब यह सीट आरक्षित है. राजनीतिक विश्लेषण 1990 से 2020 तक हुए आठ विधानसभा चुनावों में से सात बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट पर जीत हासिल की है. इसे भाजपा का एक मजबूत गढ़ माना जाता है. 2008 में इस सीट के आरक्षित होने के बाद, 2010 और 2015 के चुनावों में भाजपा की भागीरथी देवी ने जीत दर्ज की. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी भागीरथी देवी ने कांग्रेस के राजेश राम को पराजित किया था.
सामाजिक संरचना
विधानसभा क्षेत्र की सामाजिक संरचना में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि यह सीट एससी के लिए आरक्षित है. इसके अलावा, क्षेत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य वर्ग के मतदाताओं की भी उपस्थिति है, जो चुनावी परिणामों को प्रभावित करते हैं. रामनगर विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी कुछ कम चर्चित लेकिन महत्वपूर्ण जानकारियां. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलू, रामनगर का ऐतिहासिक महत्व भी है, क्योंकि यह क्षेत्र पहले जमींदारी प्रथा के अंतर्गत था. यह इलाका वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के नजदीक है, जिससे पर्यावरणीय मुद्दे भी यहां की राजनीति को प्रभावित करते हैं. आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां. चंपारण का यह हिस्सा कृषि पर निर्भर है, लेकिन बाढ़ और सूखा जैसी समस्याएं यहां की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती हैं. अनुसूचित जाति बहुल होने के बावजूद शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है. चुनावी दिलचस्पी. 2015 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भागीरथी देवी ने मात्र 6,000 से कम वोटों से जीत दर्ज की थी, जिससे यह सीट अप्रत्याशित रूप से प्रतिस्पर्धी हो गयी थी. स्थानीय स्तर पर दलित और पिछड़ा वर्ग के मतदाता “साइलेंट वोटर्स” माने जाते हैं, जिनका झुकाव आखिरी वक्त में किसी भी दल की जीत-हार तय कर सकता है.
स्थान और सीमाएं
रामनगर विधानसभा क्षेत्र बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है और यह वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इसका भौगोलिक विस्तार उत्तर में नेपाल की सीमा से लेकर दक्षिण में गंडक नदी के मैदानी इलाकों तक फैला हुआ है. परिवहन और कनेक्टिविटी. सड़क मार्ग: रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-727) और राज्य राजमार्गों (SH-64) से जुड़ा हुआ है. रेलवे सुविधा: नजदीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन नरकटियागंज और बेतिया हैं, जो पूर्वोत्तर रेलवे से जुड़े हुए हैं.
हवाई सुविधा
सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) और पटना हैं, जो क्रमशः 110 किमी और 225 किमी दूर स्थित हैं.
निष्कर्ष
रामनगर विधानसभा क्षेत्र भौगोलिक रूप से नेपाल सीमा से सटे होने, गंडक नदी के प्रभाव और वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र के पास स्थित होने के कारण अद्वितीय है. यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को बाढ़ और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता इसे एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनाती है.