PATNA. बिहार की राजधानी पटना में बच्चों को जाल में फंसानेवाले  गिरोह है. इसके सरगना बच्चों को अपने जाल में फंसाकर कई तरह के धंधे कराते हैं. इसके एवज में बच्चों को बजाप्ता दरमाहा भी देते हैं. बच्चों को दरमाहा की लालच दी जाती है.   दरमाहा की मोटी रकम में बच्चे फंस जाते हैं.  बच्चे को मोटी रकम धंधे को अंजाम देने के लिए दी जाती है. बच्चों को 20 हजार रुपये हर महीने दिये जाते हैं. इसका खुलासा पकड़े जाने पर खुद एक बच्चे ने किया है.

पटना में होती है आये दिन घटनाएं

पटना में आये दिन मोबाइल चोरी का काम होता है. यह एक संगठित गिरोह और उसके सरगनाओं द्वारा कराया जाता है. इसी प्रकार के एक ऐसे गिरोह का पता चला है. वह बच्चों से हर दिन 10-12  मोबाइल चोरी कराता है .  इसके लिए बच्चों को 20 हजार हर महीने देता है. पटना में ऐसे गिरोह की नजर कई स्पॉट पर होती है. मसलन गांधी मैदान, स्टेशन, महावीर मंदिर. इसके अलावा मेले और भीड़ भाड़ वाले इलाकों में होती है. यह गिरोह लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.

10 वर्ष का एक लड़का पकड़ा गया

इसी धंधे में शामिल एक 10 वर्ष के बच्चे को मोबाइल चोरी करते हुए पकड़ा गया. उसे पीरबहोर पुलिस को सौंप दिया गया. पकड़े जाने के बाद उसने इसका खुलासा किया. बच्चे ने बताया कि दर्जनों बच्चे शहर में घूम-घूम कर मोबाइल की चोरी करते हैं. चोरी करने के बाद गिरोह के सदस्य उनसे मोबाइल लेकर चले जाते हैं. उसने गिरोह में शामिल लोगों का नाम तो नहीं बताया. बस इतना कहा कि भइया लोग हैं जो मोबाइल चोरी के बाद उनसे मोबाइल लेकर चले जाते हैं.

रामकृष्णनगर में मिला था सरगना

मोबाइल चोरी करनेवाले बच्चे ने बताया कि उस रामकृष्ण नगर में एक भईया मिले थे. उन्होंने ही इस धंधे को करने के लिए कहा था. ऐसे बच्चे रोज सुबह 10 बजे घर से निकल जाते हैं और घूम-घूम कर दिन भर मोबाइल की चोरी करते हैं. उसके साथ और दूसरे बच्चे भी हर दिन 10-12 मोबाइल की चोरी करते हैं. वह तो इस धंधे में नया है और पिछले 10 दिनों से यह काम कर रहा है.

पुलिस ने भी मानी घटना

पीरबहोर पुलिस भी मानती है कि राजधानी में ऐसे मोबाईल चोर गिरोह सक्रिय हैं. पुलिस ने बताया कि वह चोरी करनेवाले बच्चे के परिजनों को बुलाया है. अभी तक मोबाइल चोरी को लेकर किसी भी व्यक्ति ने आवेदन नहीं दिया है.

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