पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर ताजा तूफान खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष और राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक तेजस्वी प्रसाद यादव पर चुनाव आयोग की ओर से फर्जी मतदाता पहचान पत्र (EPIC) के मामले में नोटिस जारी किया गया है। 181-दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर की ओर से भेजे गए पत्र में बताया गया कि 2 अगस्त को तेजस्वी यादव द्वारा प्रेस वार्ता में दिखाया गया EPIC कार्ड नंबर RAB2916120 फर्जी पाया गया है।
जांच में हुआ खुलासा
चुनाव आयोग की जांच में यह बात सामने आई कि उनका असली EPIC नंबर RAB0456228 है, जो बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के मतदान केंद्र से जुड़ा है। इस फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल को लेकर निर्वाचन कार्यालय ने 16 अगस्त तक जवाब मांगा है।
बडे सियासी चेहरे पर उठा सवाल
राजनीतिक पंडित इस मामले को आगामी विधानसभा चुनावों की सियासी बिसात पर बड़ा दांव मान रहे हैं। तेजस्वी यादव, जो पिछले कई वर्षों से बिहार की राजनीति में सबसे बड़े विपक्षी चेहरों में से एक हैं, इस विवाद से घिरे हैं। विपक्षी दल इसे बीजेपी और सरकार की साजिश करार दे रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे चुनाव आयोग की निष्पक्ष जांच का हिस्सा बता रहे हैं।
देना होगा स्पष्टकरण
कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मामला तेजस्वी यादव की साख को नुकसान पहुंचाने और उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश है, क्योंकि वे वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार के सबसे बड़े आलोचक हैं। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि यदि आरोप सही पाए गए तो यह यादव की राजनीति में गंभीर संकट का कारण बन सकता है। अब उनको दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर को इसका स्पष्टीकरण 16 अगस्त तक देना होगा.
राजनीतिक प्रतिशोध
इस बीच, तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और आगामी कार्रवाई को लेकर चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की बात कही है। पटना में सियासी हलचल तेज होने के बीच सभी की नजरें इस मामले की अगली कड़ी पर लगी हैं, जो बिहार की राजनीति में नये मोड़ ला सकती है।

