PATNA, BIHAR

भारत का पांचवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल अपना 100 वें साल के सफर को जश्न के रूप में मनाने की तैयारी में जुट गया है. अपने इस सफर के दौरान उसने हजारों यादें समेटे हुए है. एक समय था जब कैंसर के मरीज इलाज कराने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही आते थे. नेताजी सुभाष चंद्रबोस का इलाज भी पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुआ था. इस कॉलेज की स्थापना 1874 में टेंपल मेडिकल स्कूल के रूप में की गयी थी. इसका नाम  1925 में बदलकर  प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज कर दिया गया. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक का 100 वर्षों का सफर पूरा होने वाला है. अपने 100 वें वर्ष के सफर में इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने हजारों विशेषज्ञों को तैयार किया जिनकी सेवाएं देश विदेशों में मरीजों को मिल रही है. इस लंबी यात्रा को याद करने की भव्य तैयारी की जा रही है.

24-25 फरवरी 2025 को इसका शताब्ती वर्ष

24-25 फरवरी 2025 को इसका शताब्ती वर्ष मनाया जायेगा. लेकर देश-विदेश के चिकित्सकों को संदेश भेजने का काम आरंभ हो गया है. पीएमसीएच के छात्र व शिक्षक से लेकर केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे डा सीपी ठाकुर संरक्षण में समारोह की तैयारी की जा रही है. इस समारोह में भारत की राष्ट्रपति को निमंत्रित करने की तैयारी भी की जा रही है.

समारोह की आरंभिक तैयारी की गयी

इस समारोह को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति के सदस्य व प्रसिद्ध सर्जन डा एए हई, डा गोपाल प्रसाद सिन्हा, डा शांति राय, डा विजय प्रकाश, डा आर एन सिंह, डा जेके सिंह, डा पीएन नारायण और डा अरुण कुमार अग्रवाल ने समारोह की आरंभिक तैयारी कर दी है. डा सीपी ठाकुर ने बताया कि अपने 100 साल पर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल नये रूप में तैयार खड़ा मिलेगा.

पहला मेडिकल कॉलेज होगा जहां पर 5400 बेड

विश्व का यह दूसरा और भारत का पहला मेडिकल कॉलेज होगा जहां पर 5400 से अधिक मरीजों को भर्ती कर इलाज करने की तैयारी चल रही है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खास भूमिका रही है जिन्होंने इसके गौरव को बढ़ाने के लिए पूरे मनोयोग से नया कलेवर देने में जुटे हैं. मुख्यमंत्री की परिकल्पना का परिणाम है कि पीएमसीएच अपने 100 वर्षों पर गौरवशाली रूप में खड़ा हो जायेगा. इसके नये भवनों का निर्माण तेज गति से किया जा रहा है. इधर पीएमसीएच के पूर्ववर्ती छात्र और शिक्षकों ने आयोजन को लेकर वैसे चिकित्सकों को भी आमंत्रित करने में जुट गये हैं जिन्होंने यहां शिक्षा लेकर विदेशों में ख्याति प्राप्त की है.

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