नीतीश सरकार ने पेंशन से खिले 1.11 करोड़ के चेहरे

सावन का पहला दिन… आसमान से फुहारें बरसीं और बिहार के लाखों घरों में उम्मीदें भी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन उत्सव कर 1 करोड़ 11 लाख से ज्यादा बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों और असहायों को राहत की सौगात दी। पहली बार उनके खाते में सीधे 1100 रुपये पेंशन की राशि पहुंची वो भी डीबीटी के माध्यम से. अब तक जिनके हिस्से हर महीने 400 रुपये आते थे, उन्हें इस बार तीन गुनी राशि दी गयी. आंकड़ों की जुबान में यह 1227.27 करोड़ रुपये की ट्रांसफरिंग थी लेकिन जमीनी हकीकत में यह उन चेहरों पर लौटी मुस्कान थी, जो महंगाई और मजबूरी में कहीं खो गई थी.

खुशी सिर्फ एक रकम नहीं होती, वो भरोसे की वापसी होती है

राजधानी पटना की मीणा देवी ने खाते में मैसेज आते ही आंखें भर लीं. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “अब दवा के लिए किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा. मुख्यमंत्री जी ने हमारा ख्याल रखा।” वहीं दिव्यांग राकेश कुमार बोले, “पहले जो 400 रुपये मिलते थे, वो खत्म होने से पहले ही कम पड़ जाते थे। अब लगता है जैसे सरकार ने हमारी सुन ली।” कोइलवर की प्रभावती देवी ने कहा, “अब मुझे और मेरे पति को हर महीने 2200 रुपये मिलेंगे। ये पेंशन नहीं, सम्मान है। अब उम्र का बोझ थोड़ा हल्का लगेगा।”

महिलाएं बोलीं – सावन में बरसी सबसे कीमती बारिश

गुलजारबाग ओल्ड एज होम में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं की उपस्थिति ने माहौल को खास बना दिया। नालंदा की पुष्पा कुमारी ने कहा, “नीतीश जी गरीबों का दर्द समझते हैं। ये सिर्फ पैसा नहीं, हमारे लिए राहत और उम्मीद है।” सरकार द्वारा जो पेंशन दिया गया है उसमें सर्वाधिक 54.5 प्रतिशत महिला लाभार्थी हैं।

अब हर महीने 10 तारीख पर मिलेगा सहारा

मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब हर माह की 10 तारीख को पेंशन की राशि सीधे खातों में ट्रांसफर होगी। यह सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि बुजुर्गों और असहायों के जीवन में एक नई नियमितता और आत्मनिर्भरता की शुरुआत होगी।

पहलू बदल रहा है… चेहरों पर यकीन लौट रहा है

जहां पहले पेंशनधारी हर महीने इंतजार में रहते थे, अब उन्हें पता है कि कब और कितनी राशि आएगी। यह पारदर्शिता और संवेदनशीलता सरकार की सामाजिक सोच को दर्शाती है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा

“हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि समाज के अंतिम व्यक्ति को सुरक्षा मिले, सम्मान मिले और वह जीवन जीने के लिए आत्मनिर्भर हो।”
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