NEW INICIATIVE. महिलाएं भारतीय कृषि के क्षेत्र में क्रांति करने की तैयारी में उतरनेवाली है. वह आधुनिक तकनीक के माध्यम से खेती को संभालेंगी. भारत सरकार ने महिलाओं को कृषि के क्षेत्र में ड्रोन देकर फसलों की निगरानी सहित कई जिम्मेदारियां सौंपने वाली है. इससे न सिर्फ खेती-किसानों को फायदा होगा बल्कि महिलाओं की भूमिका भी बढ़ जायेंगी. कृषि प्रधानसमाज में ड्रोन जैसी तकनीकी अब बढ़नेवाली है.
ड्रोन दीदी योजना के तहत दो पायलट प्रोजेक्ट
भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने ड्रोन दीदी योजना के तहत दो पायलट प्रोजेक्ट के संचालन के लिए महिंद्रा एंड महिंदार लिमिटेड के साथ समझौता पर हस्ताक्षर किया है. योजना के अनुसार इस योजना से 15000 महिलाओं को खेती किसानी जैसे कार्यों से जोड़ना है. उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी के अनुसार महिलाओं को ड्रोन के माध्यम से फसलों में खाद डालना, फसल की वृद्धि की निगरानी करना और बीज बोने के कार्यों के लिए ड्रोन चलाने के लिए ट्रेनिंग दी जायेगी. नयी टेक्नोलॉजी का ट्रेनिंग लेकर महिलाएं खेती में योगदान करेंगी साथ ही उनका जीविका के भी नये अवसर पैदा होंगे.
हैदराबाद और नोएड़ा में मिलेगी ट्रेनिंग
तिवारी ने बताया कि कृषि में ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए हैदराबाद और नोएडा स्थित एनएसटीआई के दो केंद्रों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है. इस साझेदारी के तहत, एमएसडीई और एम एंड एम हैदराबाद और नोएडा में स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआई) में 20 महिला प्रति बैच के विशेष बैच के द्वारा 500 महिलाओं को कुशल बनाने के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट संचालित करेंगे. इन केंद्रों पर रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (आरपीटीओ) प्रशिक्षकों के माध्यम से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमोदित 15-दिवसीय पाठ्यक्रम, चलाया जाएगा.
बुनियादी ढांचा, प्रतिभागियों के लिए छात्रावास सुविधा
इस साझेदारी के तहत, एनएसटीआई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए बुनियादी ढांचा, प्रतिभागियों के लिए छात्रावास सुविधा और भागीदारी बढ़ाने के लिए स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों और गैर सरकारी संगठनों से मेल-जोल बनाएगा. महिंद्रा समूह केन्द्रों पर, सिमुलेशन मशीनरी/ड्रोन, सिम्युलेटर नियंत्रक, सिम्युलेटर सॉफ्टवेयर, आई 5 प्रोसेसर और प्रशिक्षकों के साथ डेस्कटॉप कंप्यूटर के माध्यम से प्रारंभिक सेट-अप सहायता प्रदान करेगा, और डीजीसीए लाइसेंस धारक प्रशिक्षकों की लागत सहित पायलट परियोजनाओं की अवधि के लिए परिचालन लागत को पूरा करेगा. पायलट परियोजनाओं से मिली सीख और परिणाम देश भर में चिन्हित एनएसटीआई/आईटीआई में ड्रोन दीदी योजना को बढ़ाने में एमएसडीई की सहायता करेंगे. ड्रोन दीदी योजना को आगे बढ़ाने के लिए, एमएंडएम जल्द ही जहीराबाद, तेलंगाना और नागपुर, महाराष्ट्र में कंपनी के कौशल केंद्रों में महिलाओं के लिए ड्रोन प्रशिक्षण शुरू करेगा.