BIHAR, BETTIAH. बिहार का पहला डिजिटल भिखारी राजू की मौत हो गयी है. वह ऐसा भिखारी था जो अपने गले में यूपीआइ का क्यूआर कोड का कार्ड लेकर घूमता रहता है. बिहार के बेतिया रेलवे स्टेशन के अलावा वह गांव-गांव में जाकर भीख मांगता था. भीख मांगते समय अगर कोई दाता छुट्टे का बहाना बनाता तो वह सीधे यूपीआइ का क्यूआर कोड सामने कर देता. ऐसे में उसे भीख देने में दाताओं को आसानी भी हो जाती है. भारत में डिजिल इंडिया का इस्तेमाल करने के मामले में राजू अपने आम में एक बेमिशाल उदाहरण हैं.

बेतिया रेलवे स्टेशन में क्यूआर कोड लटकाये और हाथ में स्कैनर लेकर चलने वाला राजू को हर व्यक्ति पहचाना था. कुछ दिनों से उसकी तबियत खराब चल रही थी. अचानक उसको हर्ट अटैक आया और मौत हो गयी. जैसे ही उसे हर्ट अटैक आया तो सूचना मिलने के बाद परिजनों ने उसे राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल,बेतिया में भर्ती कराया. वहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

राजू को राजनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद आकर्षित करते थे. प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत योजना ने उसके भीख मांगने के तरीके  में पूरा  बदलाव ही ला दिया था. वह हमेशा गले में यूपीआइ का क्यूआर कोड लेकर चलता था. इससे दाताओं को भी परेशानी नहीं होती थी.

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