पटना में विपक्षी दलों की एकता को लेकर आयोजित बैठक पर शिमला में एक शक्ल लेने की उम्मीद जतायी जा रही है. नीतीश कुमार द्वारा पटना में आयोजित बैठक में तीन मुद्दों पर तो सहमति बन गयी और इसे तीन कदम आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी कांग्रेस के ऊपर छोड़ दी गयी है. आप पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने जो सवाल पटना में छोड़कर दिल्ली रवाना हुई हैं, उसके जवाब पर ही उनकी पार्टी का अगला कदम उठेगा. कश्मीर की नेता महबूबा मुफ्ती ने अपने 370 की कटुता को कम किया है. आप पार्टी के साथ उनका विरोध समाप्त हो गया है.

गैर भाजपा दलों की बैठक समाप्त होने के बाद सीपीआइ महासचिव डी राजा ने बताया कि शिमला में होनेवाली बैठक के पहले विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम यूपीए की जगह पैट्रियोटिक डेमोक्रेटिक एलायंस (पीडीए) तैयार हो जायेगा. उन्होंने उम्मीद जतायी की एनडीए के सामने पीडीए मैदान में खड़ा होगा. इसके पहले भी विपक्षी एकता को लेकर 2004 के लोगसभा चुनाव के समय यूपीए का गठन किया गया है. इससे भाजपा को सत्ता से उतारने में मदद मिली थी. विपक्षी दलों की बैठक के बाद सीपीएम नेता पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए. इसमें उन्होंने घोषणा की कि दो नवंबर 2023 को पटना में एक विशाल जनरैली की जायेगी.

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