पटना

बिहार के विभिन्न न्यायालयों में सरकारी वकील बनने के लिए नये नियम बनाया गया है. राज्य सरकार द्वारा जिला न्यायालयों, पटना हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सरकारी वकील बनाने के प्रावधान में बदलाव कर दिया है. पहले एक ही कमेटी द्वारा वकीलों का पैनल तैयार करती थी और उसी के माध्यम से सरकारी वकील बनाये जाते थे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में बिहार विधि पदाधिकारी (बचनबद्धता) नियमावली 2023 पास कर दी है.

नयी नियमावाली के तहत सरकारी वकील की नियुक्ति में जिला स्तर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और जिलाधिकारी द्वारा पैनल तैयार कर विधि विभाग को भेजा जायेगा. उसके बाद राज्य स्तर पर महाधिवक्ता के स्तर पर गठित कमेटी द्वारा उसकी समीक्षा की जायेगी. उसके बाद पैनल तैयार किया जायेगा, जिसके आधार पर सरकारी वकील की नियुक्ति की जायेगी. जिन पदों पर वकील की नियुक्ति की जाती है उसमें जिला स्तर पर पीपी, जीपी, एपीपी, एजीपी, पटना हाइकोर्ट में एडिशनल एडवोकेट जनरल, गवर्नमेंट एडवोकेट, प्लीडर, स्टैंडिंग काउंसिल, पब्लिक प्रोस्क्युटर, एडिशनल पब्लिक प्रोस्क्युटर और सुप्रीम कोर्ट में एडशिनल एडवोकेट जनरल और स्टैंडिंग काउंसल जैसे पद शामिल हैं.

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