BIHAR,PATNA. राजद प्रमुख लालू प्रसाद  धार्मिकआधार पर आरक्षण की बात कर फिर मुकर गये। कांग्रेस ने भी धार्मिक आधार पर आरक्षण से तौबा करने की बात की। पटना पहुंचे कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने हाथ में संविधान लेकर बार-बार इस बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान की बात करती है. संविधान में कहीं धर्म के आधार पर आरक्षण की बात नहीं है।

सदाकतक आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आरक्षण का आधार सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन है। कर्नाटक सहित जहां पर भी कांग्रेस की सरकार है वहां सामाजिक व आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया गया है। अपवाद स्वरूप तमिलनाडु में आरक्षण 79 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने तो धर्म के आधार पर नागरिकता दिया है. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम बनाकर भाजपा ने नागरिकता दी है। साथ ही प्रधानमंत्री ने  एक टीवी इंटरव्यू में कहा है कि अल्पसंख्यक जातियों को उन्होंने आरक्षण दिलवाया है।

कांग्रेस के न्यायपत्र में कहा गया है कि आरक्षण सामाजिक और आर्थिक पिछड़ापन के आधार पर भी दिया जायेगा। वह आरक्षण पूरे देश की आर्थिक, जातीय व सामाजिक जनगणना करा लेंगे। हालांकि कांग्रेस के शासनकाल में देश में सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना 2013 में की गयी थी।

वर्ष 2014 में कांग्रेस सत्ता से हट गयी और देश में सामाजिक, आर्थिक और जातीय गणना की पूरी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो सकी। उस रिपोर्ट के आधार पर देश में खाद्य सुरक्षा का लाभ लोगों को दिया जा रहा है। एक बार फिर कांग्रेस जातीय जनगणना कराने को लेकर मतदाताओं के बीच जा रही है।

बिहार में हो चुकी है जातीय गणना

बिहार में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जातीय जनगणना की बात दोहरायी है। बिहार सरकार ने राज्य में पहले ही जातीय जनगणना करा लिया है। जातीय जनगणना के बाद बिहार में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों की  संख्या में इजाफा हुआ है। अब इसके आधार पर बिहार में आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।

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